Temple of Rajasthan question answer

राजस्थान के प्रमुख मदिर

नागर शैली के उदाहरण

सोमेश्वर मंदिर- किराडू (बाड़मेर) 

अम्बिका मंदिर- जगत (उदयपुर) 

दधिमाता मंदिर- गोठ मांगलोद (नागौर) 

औसियां के मंदिर- जोधपुरराजस्थान में


द्रविड़ शैली के उदाहरण

रंगनाथ मंदिर- पुष्कर (अजमेर) 

तिरूपति बालाजी का मंदिर-सुजानगढ़ (चुरू)


राजस्थान में पंचायत शैली के मंदिर 

भंडदेवरा शिव मंदिर- बारां▪️बूढ़ादीत सूर्य मंदिर- कोटा

जगदीश मंदिर- उदयपुर

बाडोली के शिव मंदिर- बाडोली (रावतभाटा, चित्तौड़)

हरिहर मंदिर औसिया


राजस्थान में भूमिज शैली के मंदिर 

उडेश्वर मंदिर- बिजौलिया (भीलवाड़ा) 

महानालेश्वर मंदिर- मेनाल (भीलवाड़ा) 

भूमिज शैली का सबसे प्राचीन मंदिर सेवाड़ी जैन मंदिर (पाली) है। 


1. रणकपुर जैन मंदिर-

-स्थिति- मथाई नदि के किनारे (पाली)

-निर्माता- धरणशाह

-वास्तुकार- देपा/देपाक

-समर्पित- भगवान आदिनाथ/ऋषभदेव

(उपनाम)

(1) त्रिलोक दीपक

(2) स्तम्भों का वन

(3) चौमुखा जैन मंदिर

(4) 1444 खम्भों वाला मंदिर

(5) वैश्याओं का मंदिर

विशेषता-

-इस मंदिर का निर्माण महाराणा कुम्भा के काल में हुआ था।

-इस मंदिर को धरणी विराह भी कहा जाता है।

-फर्ग्यूसन ने इस मंदिर के लिए यह कथन कहा था कि 'मैं अन्य ऐसा कोई भवन नहीं जानता जो इतना रौचक व प्रभावशाली हो।'

 

2. विमलशाही जैन मंदिर-

-स्थित- देलवाड़ा, माउण्ट आबू (सिरोही)

-निर्माता- विमलशाह

-वास्तुकार- कीर्तिधर

-समर्पित- भगवान आदिनाथ/ऋषभदेव

-विशेषता-

-"ताज को छोड़कर इस इमारत का कोई सानी नहीं" यह कथन कर्नल जेम्स टॉड ने इस मंदिर के लिये कहा था।

 

3. लूणवसही/लूणशाही जैन मंदिर-

-स्थित- देलवाड़ा, माउण्ट आबू (सिरोही)

-निर्माता- वास्तुपाल व तेजपाल

-वास्तुकार- शोभनदेव

-समर्पित- भगवान नेमीनाथ

-विशेषता-

-इस मंदिर को देवराणी-जेठाणी का मंदिर भी कहा जाता है।

-यह मंदिर चालूक्य राजा वीर धवल के समय निर्मित हुआ।

 

4. परशुराम महादेव मंदिर-

-स्थित- पाली

-विशेषता-

-यहां प्राकृतिक गुफा में भगवान शिव का मंदिर है।

-यहां पानी की बूंदो में शामिल चुने के अंश से प्राकृतिक रूप से शिवलिंग स्थापित है।

-कहा जाता है की परशुराम ने अपनी माता का वध कर दिया था तथा पश्चाताप के लिए महादेव की आराधना इसी गुफा में की थी इसलिये इस मंदिर को राजस्थान का अमरनाथ भी कहते है।

 

5. रावण मंदिर-

-स्थित- मण्डोर (जोधपुर)

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र रावण मंदिर है।

-रावण की रानी मन्दोतरी (माण्डोतरी) मण्डोर जोधपुर की थी।

-मण्डोर भारत में एकमात्र ऐसी जगह है जहां पर दशहरा नहीं बनाया जाता है क्योकी मण्डोर (जोधपुर) रावण का ससुराल है।

-रावण की गुफा जोधपुर में स्थित है।

 

6. किराड़ू के जैन मंदिर-

-स्थित- बाड़मेर

-विशेषता-

-यह मंदिर गुर्जर प्रतिहार शैली मै निर्मित मंदिर है।

-खजुराहो-

-राजस्थान का खजुराहो किराड़ू के जैन मंदिर को कहते है।

-मेवाड़ का खजुराहो अम्बिका माता का मंदिर (जगत, पाली) को कहते है।

-राजस्थान का मिनि खजुराहो या हाड़ौती का खजुराहो भण्डदेवरा शिव मंदिर (बारा) को कहते है।

 

7. घुश्मेश्वर महादेव मंदिर-

-स्थित- सिवाड़ (सवाईमाधोपुर)

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र मंदिर है जहां पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

 

8. शीतलेश्वर महादेव मंदिर-

-स्थित- झालरा पाटन (झालावाड़)

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र तिथि युक्त मंदिर है।

-झालरा पाटन को घंटियो का शहर भी कहते है।

 

9. गोल मंदिर-

-स्थित- बैराठ सभ्यता स्थित बिजक की पहाड़ी पर (जयपुर)

-सम्बन्ध- बौद्ध धर्म से

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र मंदिर है जो पहाड़ी पर होने के बावजूद भी इसके निर्माण में कहीं पर भी पत्थर का प्रयोग नहीं हुआ।

 

10. वैंकटेश्वर महादेव मंदिर-

-स्थित- सुजानगढ़ (चूरू)

-निर्माता- श्री सोहनलाल जानोदिया

-वासतुकार- डॉ. वैंक्याचार्य

-विशेषता-

-इस मंदिर में भित्ति चित्रों के माध्यम से भगवान विष्णु के 10 अवतारों को दर्शाया गया है।

 

11. जगदीश मंदिर-

-स्थित- उदयपुर

-निर्माता- महाराणा जगतसिंह

-वास्तुकार- अर्जुन, भाणा, मुकुन्द

-उपनाम- सपने से बना मंदिर

 

12. सोनीजी की नसीयां-

-स्थित- अजमेर

-निर्माता- सेठ मूलचंद सोनी

-कार्य पूरा किया- टीकमचंद सोनी

-समर्पित- भगवान आदिनाथ

 

13. सांवरिया जी का मंदिर-

-स्थित- मण्डपिया (चितौड़गढ़)

-विशेषता-

-यह राजस्थान का सर्वाधिक चढ़ावे वाला मंदिर है।

 

14. भाडाशाह जैन मंदिर-

-स्थित- बीकानेर

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र मंदिर जिसकी नींव घी से भरी गई थी।

-यह मंदिर जैन धर्म के पांचंवे तीर्थकर सुमित नाथ का ही मंदिर है।

 

15. मामा भान्जा का मंदिर-

-स्थित- अटरू बारा

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र मंदिर जिसके निर्माण में कहीं पर भी चुने का प्रयोग नहीं हुआ।

 

16. एकलिंग जी का मंदिर-

-स्थित- कैलाशपुरी (उदयपुर)

-विशेषता-

-एकलिंग नाथ जी मेवाड़ के गुहील वंश का कुल देवता है।

-इस मंदिर का निर्माण 734 ई. में बप्पा रावल ने करवाया था।

 

17. केसरिया जी का मंदिर-

-स्थित- धुलेव (उदयपुर)

-विशेषता-

-केसरिया नाथ जी को ऋषभदेव जी भी कहते है।

- भील जाति के लोग केसरिया नाथ जी को काला जी भी कहते है।

 

18. सात सहेलीयों का मंदिर-

-स्थित- झालरा पाटन (झालावाड़)

-विशेषता-

-यह मंदिर पदमनाथ जैन मंदिर है।

-यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान सूर्य के जूते पहने मूर्ति स्थित है।

 

19. लोहार्गल-

-स्थित- झुन्झुनू

-विशेषता-

-यह 24 कोसीये मालखेत की परिक्रमा हेतु प्रसिद्ध है।

 

20. महा मंदिर-

-स्थित- जोधपुर

-सम्बन्ध- नाथ सम्प्रदाय से।

 

21 सिरे मंदिर-

-स्थित- जालौर

-सम्बन्ध- नाथ सम्प्रदाय से

-विशेषता-

-यहा नाथ सम्प्रदाय के जालंधरनाथ की तपोभूमि है।

 

22. श्रृंगार चंवरी-

-स्थित- चितौड़गढ़

-निर्माता- वेलका

-समर्पित- भगवान शांतिनाथ

 

23. हल्देश्वर महादेव मंदिर-

-स्थित- सिवाना (बाड़मेर)

-विशेषता-

-इस मंदिर को मारवाड़ का लघु माउण्ट आबू कहते है।

 

24, आथूर्णा के मंदिर-

-स्थित- बांसवाड़ा

-निर्माण- परमारों द्वारा

 

25. खाटूश्याम जी का मंदिर-

-स्थित- सीकर

-विशेषता-

-इस मंदिर में कृष्ण जी के शीश की पूजा होती है।

26. अचलेश्वर महादेव का मंदिर-

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है।

 

27. कालीका माता मंदिर-

-स्थित- चित्तौड़गढ़

-विशेषता-

-यह राजस्थान का सबसे प्राचीनतम सूर्य को समर्पित मंदिर है।

 

28. हरिहर मंदिर-

-स्थित- जयपुर

-विशेषता-

-यह राजस्थान का प्रथम मंदिर है जो की पंचायतन शैली में निर्मित है।

 

29. सेवाड़ी का जैन मंदिर-

-स्थित- पाली

-विशेषता-

-यह राजस्थान का प्रथम मंदिर है जो की भूमिज शैली में निर्मित है।

 

30. तिजारा जैन मंदिर-

-स्थित- तिजारा (अलवर)

-विशेषता-

-यह 8 वें जैन तीर्थकर चन्द्रप्रभु का मंदिर है।

 

31. मातृकुण्डिया मंदिर-

-स्थित- चितौड़गढ़

-विशेषता-

-इस मंदिर को राजस्थान का हरिद्वार कहते है।

 

32. हर्षद माता का मंदिर-

-स्थित- दौसा

-विशेषता-

-यह मंदिर पंचायतन शैली में निर्मित है।

 

33. श्रीनाथ जी का मंदिर-

-स्थित- नाथद्वारा (राजसमंद)

-सम्बन्ध- वल्लभ सम्प्रदाय से

 

34. द्वारिकाधीश मंदिर-

-स्थित- कांकरोली (राजसमंद)

-समर्पित- कृष्ण भगवान

 

35. गेपरनाथ महादेव मंदिर-

-स्थित- कोटा

-विशेषता-

 

-यह मंदिर 300 फीट गहरी घाटी में स्थित है।

36. बूढ़ादीत सूर्य मंदिर-

-स्थित- कोटा

-विशेषता-

-यह मंदिर पंचायतन शैली में निर्मित है।

 

37. जगत शिरोमणी मंदिर-

-स्थित- आमेर (जयपुर)

-विशेषता-

-यह मंदिर जयपुर के शासक मानसिंह की पत्नि कनकावती द्वारा निर्मित है।

 

38. मथुराधीश मंदिर-

-स्थित- कोटा

-विशेषता-

-वल्लभ सम्प्रदाय की सात पीठो में यह प्रथम मंदिर है।

 

39. लक्ष्मण मंदिर-

-स्थित- भरतपुर

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र लक्ष्मण मंदिर है।

 

40. विभिषण मंदिर-

-स्थित- कैथुन (कोटा)

-विशेषता-

-यह राजस्थान का एकमात्र विभिषण मंदिर है।

 

41. पार्श्वनाथ जैन मंदिर-

-स्थित- देलवाड़ा, माउण्ट आबू (सिरोही)

-विशेषता-

-राजस्थान में मेवानगर इसी मंदिर के लिये प्रसिद्ध है।

 

42. भामाशाह जैन मंदिर-

-स्थित- देलवाड़ा, माउण्ट आबू (सिरोही)

-विशेषता-

-देलवाड़ा के जैन मंदिरो का प्रारम्भिक निर्माण 11 वीं सदी में हुआ।

 

43. रंगनाथ जी का मंदिर-

-स्थित- पुष्कर (अजमेर)

-विशेषता-

-यह मंदिर राजस्थान में दक्षिण भारतीय शैली का सबसे बड़ा मंदिर है।

 

44. सास-बहू मंदिर-

-स्थित- नागदा (उदयपुर)

 

45. मदन मोहनजी का मंदिर-

-स्थित- करौली

 

46. 33 करोड़ देवी-देवताओं की शाल/मंदिर-

-स्थित- मंडोर (जोधपुर)

 

47. श्रीनाथ जी का मंदिर-

-स्थित- नाथद्वारा (राजसमंद)

 

48. द्वारीकाधीस मंदिर-

-स्थित- काकरौली (राजसमंद)

 

49. मथुरेस जी का मंदिर-

-स्थित- कोटा

 

50. मुछाला महावीर जी का मंदिर-

-स्थित- घाणेराव (पाली)

 

51. ढ़ाढ़ी मुंछ वाले हनुमानजी का मंदिर-

-स्थित- सालासर (चूरू)

 

52. कुंवारी कन्या का मंदिर-

-स्थित- माउण्ट आबू (सिरोही)

 

53. रसिया बालम का मंदिर-

-स्थित- माउण्ट आबू (सिरोही)

 

54. कुशाला माता का मंदिर-

-स्थित- बदनौर (भीलवाड़ा)

 

55. औसिया के जैन मंदिर-

-स्थित- जोधपुर

 

56. गौ माता का मंदिर-

-स्थित- रैवासा (सीकर)

 

57. गंगा मंदिर-

-स्थित- भरतपुर

 

58. महावीर स्वामी जैन मंदिर-

-स्थित- देलवाड़ा, माउण्ट आबू (सिरोही)

 

59. नाकौड़ा के जैन मंदिर-

-स्थित- बाड़मेर

 

60. गोरा काला भैरूजी का मंदिर-

-स्थित- सवाईमाधौपुर

 

61. मीरा बाई का मंदिर-

-स्थित- चित्तौड़गढ़

 

62. बाण्डोली का शिव मंदिर-

-स्थित- चित्तौड़गढ़

 

63. सौमनाथ मंदिर-

-स्थित- भानगढ़ (अलवर)

64. कुंज बिहारी मंदिर-

-स्थित- जोधपुर

 

65. सावित्री देवी का मंदिर-

-स्थित- पुष्कर (अजमेर)

 

66. 9 ग्रहो का मंदिर-

-स्थित- किशनगढ़ (अजमेर)

 

67. चार चौमा मंदिर-

-स्थित- कोटा।




 राजस्थान के अन्य प्रसिद्ध मंदिर।

1. उषा मंदिर/उषा मस्जिद बयाना (भरतपुर )

मंदिर का निर्माण - बाणासुर

मंदिर को तोड़कर - इल्तुतमिश ने मस्जिद का निर्माण करवाया।


2. लक्ष्मन मंदिर-भरतपुर

निर्माण - बलदेव सिंह ने १९वी सदी में

भारत का एकमात्र लक्ष्मन मंदिर है

 

3.एकलिंग जी का मंदिर -उदयपुर

मंदिर – नागदा(कैलाशपुरी)उदयपुर

कुल देवता – मेवाड़ के महाराणाओं का

मेवाड़ के शासक इसे वास्तविक शासक मानते है तथा स्वयं इसका दीवान मानकर शासन करते थे।

निर्माण -बप्पा रावल ने

मंदिर को वर्तमान स्वरूप -रायमल ने

यह पाशुपत संप्रदाय का प्रमुख स्थल है

 

4. अम्बिका मंदिर -जगत गांव (उदयपुर)

यह मेवाड़/राजस्थान का दूसरा खजुराहो कहलाता है

यहां नृत्य करते गणेश जी की मूर्ति है

 

5. सास बहु का मंदिर-नागदा (उदयपुर)

निर्माण-नागादिर्तीय -६वी सदी में

यह सोलंकी व् महामारू शेली में बना है|




6. जगदीश मंदिर – उदयपुर

मंदिर निर्माण – जगत सिंह प्रथम

सन – 1651

 

7. ऋषभदेव (केसरिया जी का मंदिर ) – धुलेव (उदयपुर )

 

8. आशापुरा माता मंदिर -मोदरा (जालोर )

यह सोनगरा चौहानो की कुलदेवी है

 

9.सुंधा माता मंदिर -जसवंतपुरा(जालोर)

 

10.सूर्य मंदिर-झालरापाटन (झालावाड़)

इसे सात सहेलियों का मंदिर/पदमनाभ मंदिर भी कहते है

 

11. शीतलेश्वर महादेव मंदिर-झालावाड़

यह राज्य का पहला तिथि अंकित(689ई,) मंदिर है

यह तिथि युक्त मंदिरो में सबसे प्राचीन है

 

12.त्रिनेत्र गणेश मंदिर-रणथंभोर (सवाईमाधोपुर)


 13.घुश्मेश्वर महादेव मंदिर-शिवाड़(सवाईमाधोपुर)

 यह भारत का 12वा ज्योतिर्लिंग है।


 14.कंसुआ का शिव मंदिर-कोटा

 यह कण्व ऋषि की तपोभूमि मानी जाती है।


 15.चार चोमा का शिव मंदिर-कोटा


 16.मथुराधीश जी का मंदिर-कोटा


 17.विभीषण जी का मंदिर -कैथून(कोटा)

 यह भारत का एक मात्र विभीषण जी का मंदिर है।


 18.बूढ़ादीत का सूर्य मंदिर -कोटा


 19.गेपर नाथ महादेव मंदिर-कोटा


 20.भृतहरि जी का मंदिर -अलवर


 21.केलादेवी मंदिर -करोली


 22.. कपिल मुनि का मंदिर – कोलायत (बीकानेर )


 23. किराडू (बाड़मेर )

 राजस्थान का खजुराहो यहाँ का सोमेशवर का मंदिर प्रसिद्ध है।


 24. हल्देश्वर महादेव मंदिर – पिपलूद(बाड़मेर )

 मारवाड़ का लघु माउन्ट आबू – पिपलूद

 छप्पन की पहाड़ियों में स्थित है।


 25. आलम जी का धोरा – गुढामलानी (बाड़मेर )

 घोड़ो का तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध है।


 26. मल्लीनाथ जी का मंदिर – तिलवाड़ा(बाड़मेर )

 मालानी नस्ल के घोड़ो का मेला भरता है ।


 27. ब्रह्मा जी का मंदिर – आसोतरा (बाड़मेर )


 28. खाटूश्याम जी का मंदिर – खाटू (सीकर )


 29. हर्ष मंदिर – सीकर

 यह महामारू शैली में बनाया गया है ।


 30. गोविन्ददेव जी मंदिर – जयपुर


 31 . गोपीनाथ जी का मंदिर – जयपुर


 32. बिरला मन्दिर – जयपुर


 33. जगतशिरोमणि मंदिर – जयपुर


 34. गलता जी – जयपुर


 35. चारभुजा नाथ जी मंदिर – गढ़बोर (राजसमंद )


 36. श्रीनाथ जी मंदिर – नाथद्वारा(राजसमंद )




37. बड़ोली का शिवमंदिर – चितोड़

 

38. भंडदेवरा का शिवमंदिर – बारां

निर्माण – मल्लय्वर्मन 

(हाडौती का खजुराहो तथा राजस्थान का मिनी खजुराहो)


 Other Famous Temples in Rajasthan


संसेरा जलदेवी माताजी का मन्दिर निम्नलिखित में से किस नगर में स्थित है ?

(A) जालौर (B) राजसमंद (C) जोधपुर (D) अजमेर

उतर – [B]



मीराबाई का मंदिर – चितोड़गढ़

समिद्वेश्वरमहादेव मंदिर – चितोड़

सांवलिया सेठ का मंदिर – मण्डफिया (चितोड़)

मातृकुंडिया – चितोड़गढ़ (राजस्थान का हरिद्वार)

मदनमोहन जी का मंदिर – करौली

ब्रह्मा जी का मंदिर – पुष्कर (अजमेर )

रंगनाथ जी का मंदिर – पुष्कर (अजमेर )

ब्राह्मणी माता का मंदिर – सोरसन (बारां )

सालासर हनुमान मंदिर – चूरू

पांडुपोल हनुमान मंदिर – सरिस्का (अलवर )

ब्रह्मा जी मंदिर – छींच (बांसवाड़ा )

त्रिपुरा सुंदरी – 

तलवाड़ा (बांसवाड़ा )

बेणेश्वर धाम -नवाटापुरा (डूंगरपुर )

मेहंदीपुर बाला जी मंदिर – दौसा

शाकम्भरी का मंदिर – उदयपुरवाटी (झुंझुनू )

रावण मंदिर – मंडोर (जोधपुर )

डिग्गी – कल्याण जी का मंदिर – मालपुरा (टोंक )

देवनारायण जी का मंदिर – आसींद (भीलवाड़ा) , जोधपुरिया (टोंक )

अचलेश्वर महादेव मंदिर – माउन्ट आबू (सिरोही )

कुँवारी कन्या का मंदिर – माउन्ट आबू (सिरोही )

देलवाड़ा का जैन मंदिर – सिरोही

रणकपुर के जैन मंदिर – पाली

ओसिया के जैन मंदिर – जोधपुर

भांडाशाह का जैन मंदिर – बीकानेर

 

 


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